बुधवार, 1 जनवरी 2020

कदम बढ़ाओ अब इतना भी क्या! घबराना...

Kadam badhao ab itna bhi kya ghabrana कदम बढ़ाओ अब इतना भी क्या! घबराना...


















थके थके बिना रुके
चल रहे राहों पे हम।।१।।

मुश्किलें नहीं है कम
फिर भी बढ़ रहे है,ये कदम।।२।।

न पीछे रह जाने का डर
न ही आगे होने का घमंड।।३।।

बस एक राह पकड़
उस पर चल दिये है हम।।४।।

नदियों सा ये सफर
समंदर की ना कोई खबर।।५।।

अनजाने रास्तों पर ही सही
पर आगे तुम बढ़ सकते हो।।६।।

मुश्किलें हो कितनी भी
पर तुम लड़ सकते हो।।७।।

अगर कुछ नहीं आता
तो बनो अपने भाग्य का निर्माता।।८।।

कठिनाइयों से तुम लड़ो
भाग्य को तुम खुद लिखो।।९।।

एक दिन तो समंदर से है मिल ही जाना
कदम बढ़ाओ अब इतना क्यों! घबराना।।१०।।

नववर्ष पर छेड़ दो अब नया तराना
कदम बढ़ाओ अब इतना भी क्या! घबराना।।११।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें