कविता संकलन
मेरी कविताओं का विस्तृत संकलन
बुधवार, 11 जून 2014
सूरज दादा शान्त हो जाओ।।
ऐसे ही हमसे झगड़े।
सूरज दादा क्यों हो भड़के।।
इस बार की गर्मी में।
सूरज दादा गुस्से में।।
कम करो अब ये गर्मी।
सूरज दादा दिखाओ थोड़ी नरमी।।
मन करे तो कुल्फी खाओ।
सूरज दादा अब शान्त हो जाओ।।
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