बुधवार, 17 जून 2020

हमे नाज है देश के वीर जवानों पर।।

देश के वीर जवान
जिन्होंने देश की रक्षा के लिए
कभी नहीं झुकने दिया
अपना सर
हमे नाज है देश के वीर जवानों पर।।

और रक्षा की हमारी 
तलवारों पर सर वार कर
लेकीन लड़ते रहे हर मुसीबत से
आखिरी सास तक

ए वीरो तुम्हारी कुर्बानी नहीं जाएगी खाली
तुम्हें पुरे देश की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि।।🙏🙏🙏

जय हिन्द। जय भारत।

शनिवार, 30 मई 2020

वो आवाज़ संगीत है।।

वो आवाज़ संगीत है।।

दिल को सुकून देती

वो मधुर संगीत है

आंखो में चमक भर देता

वो तारा संगीत है।



मन को खुश कर देती

वो धूप संगीत है

कमजोरी को हिम्मत देता

वो साहरा संगीत है।



जिंदगी को उम्मीद देती

वो भरपूर संगीत है

हौसलों में जुनून भर देता

वो उजियारा संगीत है।



चेहरे पर मुस्कान ला देती

वो सुकून सा संगीत है

शब्दों को पहचान देता

वो प्यारा संगीत है।



इंसानियत को जगा देती

वो रुप संगीत है

जात-पात का भेद मिटा देता

वो आवाज़ संगीत है।।

गुरुवार, 21 मई 2020

आसमान का क्या!! फायदा?⛅

आसमान का क्या!! फायदा?⛅
रात के आसमान में
 सैकड़ों तारे है समाए 
फिर इकलौते सूरज दादा के
 खिलने पर ही... 🌞 
आसमान ⛅ जी भला 
क्यों मुस्कराए...❣

 रात के खुले आसमान में जो 😍
 तारो को देख है मुस्कुराता😊 
दिन में वो इंसान सिर्फ 
केवल सूरज☀ को ही
 क्यों❣ अर्क चढ़ाता🌊 
भला सूरज के खिलने से☀
 आसमान का क्या!! फायदा?⛅


 कुछ चीज़े समझ के परे है
 ये रिश्ते क्यों इतने गहरे है💖 
और कि खुशी💞में खुश😊 होना ही
 खुशी है 💞 
ये बात मुझे आसमान है, सिखलाता⛅
 फिर क्यों पूछते हो आप इतना
 ज्यादा 😅 
भला सूरज के खिलने से🌞
 आसमान का क्या!! फायदा?⛅ 

वो आसमान सूरज☀ संग बादलों 
को अपनी गोद🙆 में पालता⛅
 जिनका न कोई उसूल
 न ही कोई कायदा
 भला सूरज के खिलने से ☀
 आसमान का क्या!! फायदा?⛅

 समझ पाओ तो समझ जाना😇
 नहीं पाए तो इतना ही बतलाना😰
 भला सूरज के खिलने से🌞
 आसमान का क्या!! फायदा?⛅

रविवार, 22 मार्च 2020

विश्व जल दिवस: पानी यह सिर्फ शब्द नहीं...

पानी जिसने
इसकी कदर ना जानी
उसको सिर्फ ये बात बतानी
कविता समझो या कहानी
मुझे तो बस अपनी बात समझानी पानी
 यह सिर्फ शब्द नहीं
है
 इसकी कीमत बहुत बड़ी
 कभी इसके बिना भी
 दो दिन रहे हो
 अगर रहे हो
 तो
 बता देना
 शायद तुमको
इसकी कीमत
 ज्यादा पता हो
 पर मै एक बार हुआ था
इसकी प्यास का मारा
 तपती धूप में
पानी के लिए
 भटक रहा था जो बेचारा
बस मुख पर एक ही शब्द था
 दुरो दूरो तक अपना न कोई शख्स था
बस मुख पर मेरे यही एक शब्द था
 "पानी"
उस दिन
जो मुझे याद आयी थी "नानी"
 उस दिन इस शब्द की कदर है
  मैंने जानी
पानी को बचाने की
 बस
तब ही से मैंने ठानी।।

शुक्रवार, 17 जनवरी 2020

चल रहा हूँ मैं।।

Chal Rha Hu Mai चल रहा हूं मैं।।

जीवन कि लड़ाइयों से,
लड़ रहा हूं मैं
चाहे कुछ भी हो लेकिन,
आगे बढ़ रहा हूं मैं
कुछ इस कदर
नदी के रूप सा, 
ढल रहा हूं मैं
तपती धूप में भी
चल रहा हूं मैं।।

सोमवार, 13 जनवरी 2020

अब बदल दो दिशाओं को।।

Ab badla do dishao ko अब बदल दो दिशाओं को।।
दिखा दो सारी दुनिया को
की तुम क्या कर सकते हो
अकेले ही सही पर
संसार बदल सकते हो
जो होना था वो हो 
गया 
जो खोना था वो खो
गया
पर अभी भी तुम सब कुछ पा 
सकते हो 
खोई मजिलों को वापस 
ला सकते हो।।
बस जरूरत है सही 
राह पे चलने की
खुद को एक नई दिशा
देने की
भले ही वापस से शुरुआत करो
परंतु अब बदल दो दिशाओं कों
छू लो बहती इन तेज़ हवाओं को
अब बदल दो दिशाओं को
अब बदल दो दिशाओं को।।

बुधवार, 1 जनवरी 2020

कदम बढ़ाओ अब इतना भी क्या! घबराना...

Kadam badhao ab itna bhi kya ghabrana कदम बढ़ाओ अब इतना भी क्या! घबराना...


















थके थके बिना रुके
चल रहे राहों पे हम।।१।।

मुश्किलें नहीं है कम
फिर भी बढ़ रहे है,ये कदम।।२।।

न पीछे रह जाने का डर
न ही आगे होने का घमंड।।३।।

बस एक राह पकड़
उस पर चल दिये है हम।।४।।

नदियों सा ये सफर
समंदर की ना कोई खबर।।५।।

अनजाने रास्तों पर ही सही
पर आगे तुम बढ़ सकते हो।।६।।

मुश्किलें हो कितनी भी
पर तुम लड़ सकते हो।।७।।

अगर कुछ नहीं आता
तो बनो अपने भाग्य का निर्माता।।८।।

कठिनाइयों से तुम लड़ो
भाग्य को तुम खुद लिखो।।९।।

एक दिन तो समंदर से है मिल ही जाना
कदम बढ़ाओ अब इतना क्यों! घबराना।।१०।।

नववर्ष पर छेड़ दो अब नया तराना
कदम बढ़ाओ अब इतना भी क्या! घबराना।।११।।