कविता संकलन
मेरी कविताओं का विस्तृत संकलन
शुक्रवार, 17 जनवरी 2020
चल रहा हूँ मैं।।
जीवन कि लड़ाइयों से,
लड़ रहा हूं मैं
चाहे कुछ भी हो लेकिन,
आगे बढ़ रहा हूं मैं
कुछ इस कदर
नदी के रूप सा,
ढल रहा हूं मैं
तपती धूप में भी
चल रहा हूं मैं।।
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