गुरुवार, 12 दिसंबर 2013

प्रकृति की कहानी


बात बड़ी है पुरानी,
थी प्रकृति की भी कहानी।
आज आपको भी है सुनानी,
एक ज़माने में प्रकृति थी रानी।

इस धरती पर उसका राज था,
मानव पर उसे बड़ा विश्वास था। 
परन्तु अपने फायदे के लिए मानव,
बन बैठा इस धरती का दानव।

जंगलों का कर सफ़ाया,
अपना घर है बनाया।
इतना करके भी ना माना,
पशु - पक्षियों को भी मारा।

अपने फायदे के लिये,
प्रदूषण को भी दिया बढ़ावा।
अपनी इस करनी पर,
अब होता है पछतावा।

अपनी इस अभी भी वक़्त है, हे मानव!
सुन लो मेरी ये पुकार,
रोक दो ये हाहाकार,
नहीं तो छा जायेगा इस धरती पर अंधकार! 

रविवार, 7 जुलाई 2013

फूल खिले है डाली - डाली

चित्र साभार : yashvardhan09.blogspot.in
फूल खिले है डाली - डाली ।
रुत है ये मतवाली ।।
ये भी कहते कुछ गाकर ।
हँसते - रोते मुस्कुराकर ।।

कहते ये होकर दुखी ।
हमे मत तोड़ो कभी ।।
मत लो हमारे प्राण ।
आखिर हम में भी है जान।।



सोमवार, 17 जून 2013

देखो काले बादल आये ....


देखो काले बादल आये ।
नभ पर ये जमकर छाये ।।
गरजकर , ये बिजली कड़काते ।
संग में ये अपने वर्षा भी लाते ।।

देखो काले बादल आये ।
गर्मी को ये दूर भगाए ।।
मौसम को भी खुशहाल ।
खेतों में हरियाली फैलायें ।।

देखो काले बादल आये ।
बंजर को भी उपजाऊ बनाते ।।
कहीं - कहीं पर ये बाढ़ भी लाते ।
परन्तु अकाल को दूर भगाते ।।

देखो काले बादल आये ।
प्रकृति को भी ये भाये ।।
इस धरती को भी नहलाये ।
देखो काले बादल आये ।।



गुरुवार, 13 जून 2013

वन में नाचे मोर,,,,



पवन - पवन का शोर ,
वन में नाचे मोर ।
मेघा बरसे घनघोर ,
वन में नाचे मोर ।।

पंख फैलाएँ रूप सलोना ,
सर पे ताज दिखे अनोखा ।
मोर के सुनहरे - सुनहरे पंख ,
मोर का है अलग रंग ।।

हवा चले और शाम ढले ,
सुबह - सुबह का भोर ।
मेघा बरसे घनघोर ,
वन में नाचे मोर ।।

शनिवार, 1 जून 2013

मेरी गौरैया



मेरी गौरैया प्यारी-प्यारी ,
सारे जग से ये न्यारी ,
चुन-चुन कर ये दाना लाती ,
अपने प्यारे-प्यारे बच्चों को खिलाती ।

                                                             मेरी गौरैया प्यारी-प्यारी ,
                                                             सारे जग में ये निराली ,
                                                             इसके बच्चे प्यारे-प्यारे ,
                                                             चूँ चूँ चूँ करते है सारे । 

देखो भईया-देखो भईया ,
ये चिड़िया है गौरैया ,
हवा में ये उड़ती जाती ,
सबका ये मन बहलाती । 

                                                             कितनी प्यारी है ये चिड़िया ,
                                                             नाम है इसका गौरैया ,
                                                             फुदक-फुदक कर ये नाच दिखाती ,
                                                             मेरी गौरैया प्यारी-प्यारी ।

सोमवार, 25 मार्च 2013

रंगों की दिवाली होली

                                         
रंगों की दिवाली होली

रंगों की दिवाली होली ।
आई फिर मतवाली होली ।।
गुझिया , पापड़ , जलेबी खाई ।
संग में मिलकर होली मनाई ॥

होली का हुड़दंग मचा ।
गली - गली में ढोल बजा ॥
आपस में कभी न झगड़ों ।
होली में दिलों को जोड़ों ॥

बीती बातों को भूल जाओं ।
संग में गले अब मिल जाओं ॥
बनाये रखना अपनी ये दोस्ती ।
आई है फिर मतवाली होली ॥





शुक्रवार, 1 मार्च 2013

महंगाई


महंगाई में हालत हो गई खस्ता।
नहीं रहा अब कुछ भी सस्ता,
महंगे हो गये अनाज के दाम।
चारों तरफ है महंगाई का नाम,

                                                 महंगी हो गई रोटी, दाल।
                                                 अब बचे सिर्फ सिर के बाल,
                                                 महंगाई ने कर दिया दिल बेहाल।
                                                 ऐसी होती महंगाई की मार,

गरीब की है दुहाई।
बंद करो ये महंगाई,
आती तो मुझे रुलाई।
कब ख़त्म होगी महंगाई।।

शनिवार, 9 फ़रवरी 2013

प्रकृति की गोद में .....



प्रकृति की गोद में,
खिलखिलाती ये धूप।
प्रकृति की गोद में,
कैसा ये रूप।।

प्रकृति की गोद में,
नदियों में बहता पानी।
प्रकृति की गोद में,
फिर उड़ती ये आंधी।।

प्रकृति की गोद में,
चलती ये हवाएँ।
प्रकृति की गोद में,
सूरज भी ये गुर्राये।।

प्रकृति की गोद में,
कहती ये हरियाली।
प्रकृति की गोद में,
क्या मौसम, क्या पानी।।