मेरी कविताओं का विस्तृत संकलन
अरे भई, सूरज दादा से शिकायत करने की फ़ुर्सत मिल गई ,और तुम्हारी दुनिया के लोग जो अति कर रहे हैं ,प्रकृति के विपरीत ,उस पर ध्यान नहीं गया ?वाह रे, वाह. पहले उनसे निबटो !
सुंदर बालगीत।
और इस बार तो वे ज्यादा ही गुस्से में आएंगे गर्मी के मौसम में ..ठण्ड में ही उनके तीखे तेवर देख अभी से सोचकर डर लग रहा है तब क्या होगा ..
अरे भई, सूरज दादा से शिकायत करने की फ़ुर्सत मिल गई ,और तुम्हारी दुनिया के लोग जो अति कर रहे हैं ,प्रकृति के विपरीत ,उस पर ध्यान नहीं गया ?वाह रे, वाह. पहले उनसे निबटो !
जवाब देंहटाएंसुंदर बालगीत।
जवाब देंहटाएंऔर इस बार तो वे ज्यादा ही गुस्से में आएंगे गर्मी के मौसम में ..ठण्ड में ही उनके तीखे तेवर देख अभी से सोचकर डर लग रहा है तब क्या होगा ..
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