बुधवार, 11 जून 2014

सूरज दादा शान्त हो जाओ।।

मन करे तो कुल्फी खाओ। सूरज दादा अब शान्त हो जाओ।।

ऐसे ही हमसे झगड़े।
सूरज दादा क्यों हो भड़के।।
इस बार की गर्मी में।
सूरज दादा गुस्से में।।


कम करो अब ये गर्मी।
सूरज दादा दिखाओ थोड़ी नरमी।।
मन करे तो कुल्फी खाओ।
सूरज दादा अब शान्त हो जाओ।।

3 टिप्‍पणियां:

  1. अरे भई, सूरज दादा से शिकायत करने की फ़ुर्सत मिल गई ,और तुम्हारी दुनिया के लोग जो अति कर रहे हैं ,प्रकृति के विपरीत ,उस पर ध्यान नहीं गया ?वाह रे, वाह. पहले उनसे निबटो !

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  2. और इस बार तो वे ज्यादा ही गुस्से में आएंगे गर्मी के मौसम में ..ठण्ड में ही उनके तीखे तेवर देख अभी से सोचकर डर लग रहा है तब क्या होगा ..

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