कोई याद पुरानी बनूं
या अधूरी कहानी।
तेरे यादों की निशानी बनूं
या तेरी आंखों का पानी।।
नहीं बनना
तेरी खुशी का भागी।
मैं तो हू बस,
तेरे गम का साथी।।
क्या तेरा हाथ पकड़ लू
धीरे से,
या तेरे चेहरे को लगा लू
सीने से,
चाहे कितनी दफा दिल
तोड़ दे,
तेरा साथ निभाऊ हर
मोड़ पे,
नहीं जाऊंगा तुझे कभी
छोड़ के,
रख लें तू मुझको
ओढ़ के,
नहीं बनना
तेरी ख़ुशी का भागी
मै तो हूं
यहां तेरे गम का साथी।
मैं तो हू बस,
तेरे गम का साथी।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें