सूरज दुबका मुझसे
डर कर!
बादलों से निकला
यूं छिप छिपकर!
देख मुझे है
मुस्कराता,
फिर न जाने
क्यों छिप जाता?
ये मेरी समझ में ना आता!!
कि ठंड है
क्या आज कुछ ज्यादा?
लगता है! आज बीमार है सूरज दादा।
कि बादलों को बना अपना कंबल
सो गए हैं, सूरज दादा।।
या फिर ग्लोबल वार्मिंग का
असर हो गया
कुछ ज्यादा!!
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