इस "हिन्दी दिवस"
मूषक पर पधारे
अपनी "सोने की चिड़िया" को
चलो फिर से सवारें
जब चिड़िया शिकारी के
जाल में है फंस जाती
तब मूषक ही
जाल कुतर के
दिलाता उसे आजादी
कुतर के सारे
फंदो को
अब संवार दो
हिन्दी को
आग्रह है आपको
सभी को ये समझायें
कृप्या "मूषक" पर आयें
अपनी "मातृभाषा" को बचाएं
चलो अब "मातृभूमि का कर्ज़" चुकाएं।।
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