हिन्दी हमारा मान है,
हिन्दी हमारी आन है,
हिन्दी हमारी शान है,
हिन्दी ही पहचान है।
बड़ा ही सुंदर इसका भाव है,
यह वही खुशियों वाला
मेरा गांव है,,
जहां बस्ती मेरी जान है।
जैसे हों श्रंगार की बिंदी,
वैसे ही है अपनी प्यारी हिंदी
सरल सुंदर इसका स्वभाव है,
जीवन का इसमें सार है।
हिन्दी सीख लाती यह व्यवहार है,
कितना प्यारा यह संसार है
दिल से हिन्दी तुम्हारा "सम्मान" है,
ए देवनागरी तुम्हें "प्रणाम" है।
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