ऐसे चलती ठंडी हवाएँ,
जैसे कोई गीत गाएँ ,
जब चली ठंडी पवन ,
खुश हुआ नीला गगन ।
आसमान में काले बादल आयें ,
छम - छम कर बरस जाएँ ,
जब - जब मेघा बरसे ,
खेतों में हरियाली फैले ।।
दिल को भी छू जाते ,
हरे - भरे पेड़ - पौधे ,
चिड़ियों की चहकती आवाज़ ,
मन सुला देती मेरा आज ।
ऐसे चलती ठंडी हवाएँ ,
जैसे कोई गीत गुनगुनाएँ ,
तन - मन में खुशियाँ लाएँ ,
ऐसे चलती ठंडी हवाएँ ।।
शुभ आशीष
जवाब देंहटाएंखूबसूरत भाव
जवाब देंहटाएंभाव युक्त ! धन्यवाद
जवाब देंहटाएंठंढी हवाओं ने तन बदन हिलाया
मानों वसन्त ने है हमको बुलाया |