बसन्त का महीना आया।।
तेज हवा चली रूहानी,
खिली धूप सुहानी।।
बगिया में आई तितली रानी,
भौरों कि भी अलग कहानी।।
फूल खिले हर डाली-डाली,
रूत भी है ये सुहानी।।
कूँ - कूँ करती कोयल रानी,
देखो आई बसन्त निराली।।
प्रकृति की ये अलग कहानी,
देखो आई ऋतुराज बसन्त निराली।।
© यशवर्धन श्रीवास्तव