महंगाई में हालत हो गई खस्ता।
नहीं रहा अब कुछ भी सस्ता,
महंगे हो गये अनाज के दाम।
चारों तरफ है महंगाई का नाम,
महंगी हो गई रोटी, दाल।
अब बचे सिर्फ सिर के बाल,
महंगाई ने कर दिया दिल बेहाल।
ऐसी होती महंगाई की मार,
गरीब की है दुहाई।
बंद करो ये महंगाई,
आती तो मुझे रुलाई।
कब ख़त्म होगी महंगाई।।