बुधवार, 11 जून 2014
शनिवार, 22 मार्च 2014
विश्व वानिकी दिवस ( 21 मार्च ) पर विशेष :- प्रकृति की धरोहर।
बदले में सबको समझाता।।
गौर से सुनना मेरी बात को।
सीखना और समझाना औरों को।।
प्रकृति की धरोहर यूँ न नष्ट करो।
पेड़ो को काटना अब बंद करो।।
ये पेड़ - पौधें है दोस्त हमारे।
जीवन चलता है इनके सहारे।।
पेड़ो से मिलती है हरियाली।
वातावरण में फैलाते ये खुशहाली।।
सर पे अपने धूप झेलते।
बदले में छाया हमें देते।।
जहरीली गैस भी ये पी जाते।
बदले में शुद्ध ऑक्सीजन लौटाते।।
वर्षा देते हैं ये आजीवन।
इन्हीं पर निर्भर हमारा जीवन।।
बात सभी को ये समझाओ।
प्रकृति की धरोहर को अब बचाओ।।
आज से ही ये कसम खाओ।
हर "वानिकी दिवस" पर पेड़ लगाओ।।
© यशवर्धन श्रीवास्तव
गुरुवार, 20 मार्च 2014
विश्व गौरैया दिवस :- गौरैया प्यारी।
पहले उड़ती - फिरती थी,
ये हर डाली - डाली।
कौन - थी ये चिड़िया प्यारी ?
क्या नाम है इसका,
जरा - पूछो भईया ?
अरे ये चिड़िया है - गौरैया।।
पहले दिखती थी ये,
हर - घर आँगन में।
परन्तु अब है ये,
पक्षी संकट में।।
इसे बचाने के लिए,
करना पड़ेगा कोई उपाय।
ताकि ये चिड़िया,
इस धरती पर बच पाएँ।।
थोड़ा - सा दाना और थोड़ा - सा पानी,
अगर इसे मिल पाएँ।
तो इसकी प्रजाति,
इस धरती पर बढ़ जाएँ।।
यदि नहीं किया अभी ऐसा,
तो आने वाले वक्त में।
कभी ये खबर आयें,
एक छोटी - सी चिड़िया थी न्यारी।
नाम था जिसका गौरैया प्यारी।।
© यशवर्धन श्रीवास्तव